अध्याय 494 उसने उसे बचाया

मई ने मन बना लिया था; वह केलिब के करीब जाने वाली थी।

आज रात सिर्फ वे दोनों ही थे, ऐसे मौके दुर्लभ होते हैं। उसे इस मौके का फायदा उठाना था।

"क्या तुम चल सकती हो?" केलिब ने पूछा।

मई ने अपने खरोंच लगे बछड़े पर नजर डाली। बिल्कुल सही, एक मौका।

उसे दर्द नहीं हो रहा था, लेकिन उसने ऐसा दिखाया जैसे हो रह...

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